Wednesday, October 5, 2011

कुबेर दत्त के निधन पर

Dated 3-10-2011



जनवादी लेखक संघ हिंदी के मशहूर कवि कुबेर दत्त के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है। कुबेर दत्त बहुमुखी प्रतिभा के रचनाकार थे, वे प्रसार भारती में विभिन्न पदों पर काम करते हुए डी डी भारती के निदेशक पद से सेवामुक्त हुए तो भी उनकी कार्यकुशालता से प्रभावित अधिकारियों ने उनकी योग्यता तथा काम की गुणवत्ता के कारण उन्हें परामर्शदाता के रूप में नियुक्त करके उनकी सेवाएं लेते रहने का फैसला लिया । वे इन दिनों भी अपनी सेवाएं डी डी भारती को दे रहे थे।
कुबेर दत्त एक कवि के रूप में भी अपनी अच्छी पहचान बना चुके थे, उनकी प्रमुख कृतियां, काल काल आपात] केरल प्रवास] कविता की रंगशाला, अंतिम शीर्षक (सभी कविता-संग्रह) , धरती ने कहा फिर (लम्बी कविताएं) हिंदी पाठकों और साहित्यकारों के बीच काफी चर्चित व प्रशंसित रहीं। जनवादी लेखक संघ के साथ उनका घनिष्ठ लगाव था, जलेस के कई यादगार प्रोग्रामों को उन्होंने सारे जोखिम उठा कर कवरेज ही नहीं दिया, बल्कि उन प्रोग्रामों को अपनी रचनाशीलता व प्रतिभा से सजा कर छ: एपीसोड के कार्यक्रमों में प्रसारित भी किया। इन प्रोग्रामों में 19 मई 2007 को 1857 पर आयाजित जलेस प्रोग्राम और 2 व 3 नवंबर 2007 को धनबाद के डिगुवाडीह में संपन्न जलेस का सातवां राष्ट्रीय सम्मेलन विशेष उल्लेखनीय हैं। वे एक लेखक तो थे ही, उनकी रुचि चित्रकला और संगीत में भी थी। उन्होंने दूरदर्शन पर साहित्य तथा ललित कलाओं के प्रति दर्शकों में रुचि पैदा करने के लिए बहुत अच्छे और स्तरीय कार्यक्रम प्रसारित किये । उन्हें इस काम के लिए हमेशा याद किया जायेगा। उन्हें अज्ञेय शिखर सम्मान और सार्क लेखक सम्मान भी मिला था। उनके निधन से रचना जगत को और संस्कृतकर्म को जो क्षति पहुंची है, वह अपूरणीय है।
जनवादी लेखक संघ उनकी जीवनसाथी श्रीमती कमलिनी दत्त व उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता है।

मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, चंचल चौहान
महासचिव, महासचिव







Dated 4-10-2011


हिंदी के मशहूर कवि कुबेर दत्त को जिनका देहावसान 2 अक्टूबर को हुआ श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक सभा का आयोजन 7 अक्टूबर शाम 4.00 बजे से साहित्य अकादमी के सभागार में किया गया है, आप से निवेदन है कि आप आयें और अपने प्रिय रचनाकार कुबेर दत्त को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करें।
मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, चंचल चौहान
महासचिव, महासचिव

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