Thursday, January 31, 2013

प्रेस विज्ञप्ति

Dated  31-1-2013
                              प्रेस विज्ञप्ति
जनवादी लेखक संघ ने जहां "अनुसूचित जातियों तथा अन्य पिछड़ी जातियों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार" बताये जाने वाले आशीष नंदी के शुरुआती वक्तव्य से 26 जनवरी के तात्कालिक बयान में असहमति प्रकट की थी जो कुछ अखबारों ने 30 जनवरी को प्रकाशित किया, वहीं उसके बाद उनके द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण की हम सराहना करते हैं। उनके व्यक्त विचारों के आधार पर उन पर मुकदमा दायर करने व अन्य दंडात्मक  कार्रवाइयों मसलन,एफ आई आर दर्ज करने,जेल भेजने जैसी मांगों की जनवादी लेखक संघ निंदा करता है क्योंकि विचारों की आलोचना विचारों के माध्यम से ही होनी चाहिए, न कि किसी तरह की दमनकारी या हिंसात्मक गतिविधि से।
          जनवादी लेखक संघ लेखकों, कलाकारों, फिल्मकारों और बुद्विजीवियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सदैव हिमायती रहा है। इन दिनों जिस तरह लेखकों, कलाकारों को जबरन विवादों में घसीटा जा रहा है, उनके कार्यों को किसी न किसी बहाने से प्रतिबंधित करने की कोशिश की जा रही है और उन्हें डराया और धमकाया जा रहा है यह अत्यंत चिंता का विषय है। जनवादी लेखक संघ ऐसी हर कोशिश की निंदा करता है।
                        मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, महासचिव
                        चंचल चौहान, महासचिव